Car Insurance Premium: कार बीमा चुनने से पहले कई बीमाकर्ताओं की जांच करें. अलग-अलग बीमा कंपनियां एक ही कार के लिए अलग-अलग रकम वसूलती हैं.
Renewal of Car Insurance: बीमा पॉलिसी समाप्त हो चुकी हैं तो भी बीमा कंपनी चूक छूट अवधि के दौरान एक स्टैंडर्ड नवीनीकरण पर विचार कर सकती है.
नई कार खरीदते वक्त जब आप पॉलिसी खरीदते हैं, तो बीमा कंपनी कार की कीमत में से डेप्रिसिएशन वैल्यू घटाने के बाद कार की आईडीवी तय करती है.
ब्रेक-इन पीरियड, कार बीमा न होने के बराबर ही है. इस दौरान कोई भी नुकसान होने पर कवर प्रदान नहीं किया जाता.
कार इंश्योरेंस प्रीमियम कार की कीमत, उसकी मरम्मत पर आने वाले खर्च, सेफ्टी रिकॉर्ड और चोरी की आशंकाओं को देखते हुए तय किया जाता है.
अगर कोई कार मालिक कार में चाबी छोड़ता है और उस दौरान चोरी हो जाती है, तो चोरी को व्यक्ति की लापरवाही के रूप में देखा जाता है.
भारत में गाड़ी खरीदने वाले हर शख्स के लिए वाहन का बीमा कराना जरूरी है. मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक बगैर बीमा गाड़ी चलाना दंडनीय अपराध है.
Car insurance- कार इंश्योरेंस एक ऐसा टूल है, जिससे भविष्य में होने वाली किसी भी दुर्घटना के वक्त अपनी जेब के खर्च को बचा सकते हैं.
Car Insurance Premium: कार इंश्योरेंस खरीदना अनिवार्य है. सरकार ऐसा न करे तो शायद ही कोई ऐसा होगा जो खुशी-खुशी अपना पैसा बीमा पर खर्च करे.